महाभारत के 'धृतराष्ट्र' को आया आदिपुरुष के मेकर्स पर गुस्सा, बोले-इस टपोरी भाषा की कोई जरूरत नहीं थी इस फिल्म में, जानें विस्तार से।
ओम
राउत की आदिपुरुष पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोशल मीडिया पर हंगामा बढ़ता देश मेकर्स ने फिल्म के डायलॉग तो बदल दिए लेकिन लोगों की नसीहत अभी भी आ रही हैं। सलाह देने वालों में ताजा नाम ऐड हुआ है महाभारत के धृतराष्ट्र यानी गिरिजा शंकर का। उन्होंने फिल्म तो नहीं देखी पर अपनी राय जरूर दी है।
विरोध
का सामना करने के बाद, आदिपुरुष निर्माताओं ने फिल्म में विवादित संवादों को हटाने करने का फैसला किया। प्रोडक्शन हाउस टी-सीरीज ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक नोट साझा करते हुए कहा, "दर्शकों की भावनाओं और सद्भाव से परे कुछ भी नहीं है। टीम आदिपुरुष, जनता की राय के सम्मान में, फिल्म के अनुभव को एकीकृत करने के लिए संवादों में सुधार करती है।
जब
उनसे पूछा गया कि उन्हें आदिपुरुष में 'जलेगी भी तेरे बाप की' जैसे डायलॉग के बारे में कैसा महसूस हुआ, तो शंकर ने कहा, "मुझे नहीं पता कि कैसे रिएक्शन दूं। (भगवान) हनुमान या कोई अन्य चरित्र कैसे बोल सकता है यह भाषा, जिस तरह से उन्हें इस फिल्म में बोला गया है? मुझे लगता है कि वे बेहतर कर सकते थे। इस टपोरी बोलचाल की भाषा का उपयोग करने की कोई जरूरत नहीं थी। आखिरकार, हम आप रामायण और राम चरित्र मानस का चित्रण कर रहे हैं और यह सालों साल तक याद रखा जाएगा।
ओम
राउत की आदिपुरुष की उसके डायलॉग को लेकर कड़ी आलोचना की गई है। लोकप्रिय धारावाहिक रामायण और महाभारत में पौराणिक किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, गजेंद्र चौहान और मुकेश खन्ना जैसे कई दिग्गज अभिनेताओं ने रामायण का "अपमान" करने के लिए प्रभास-अभिनीत फिल्म के निर्माताओं की आलोचना की है।
गिरिजा
शंकर, जो अब अमेरिका में बस गए हैं, लेकिन अपने काम के लिए भारत आते रहते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस भाषा में बात करने के बजाए, वे बहुत बेहतर कर सकते थे। वे बात करने का बेहतर तरीका ढूंढ सकते थे। बेहतर संवाद, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण होगा कि भाषा कितनी सहज होनी चाहिए।"
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